हमारी जिंदगी का हर लम्हा यहीं ठहर जाता है। हमारी जिंदगी का हर लम्हा यहीं ठहर जाता है।
कोई नहीं होता है पास में फिर भी बैठते हैं आस में कोई नहीं होता है पास में फिर भी बैठते हैं आस में
मेरी आस, मेरे पास मेरे खास, मेरे पास मेरी आस, मेरे पास मेरे खास, मेरे पास
हम केवल काँटो पर चल रहे थे। हम केवल काँटो पर चल रहे थे।
उसको देख कर मैं फिर बेहाल था क्या? और उसका भी यही सवाल था क्या? हम पास होकर भी क्यों उसको देख कर मैं फिर बेहाल था क्या? और उसका भी यही सवाल था क्या? हम पास होक...
कुछ एहसास बस आ जाते हैं और बयान नही हो पाते! कुछ एहसास बस आ जाते हैं और बयान नही हो पाते!